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डीगौ बड़लौ बरसां जूंनौ मोद करै बणग्यौ अविनासी
डिगमिग डाळा डाडै जिणरा आज पड़ै कालै पड़ जासी

मुळके मत ना बीज बावळा हां करतां कुम्हलासी
ढांढ़ा चरसी पगां किचरसी आंधी आयां थूं दब जासी
नेहचौ कर रे बूढ़ा बड़ला म्हारी जड़ां पंयाळां जासी
मोसा मत दे जूंना तरवर कूंपळ रा दिन कालै आसी

कूंपळ होड करैला कौकर म्है धरती रा अमर रूखाळा
रूप संवारण फूल पांनड़ा हेल्यां रै हींडण नै डाळा
साखां आज अलेखां पसरी जकी झूमती देवै झाला
रैण बसेरौ करै पंखेरू पांन पांन बणिया है माळा
लोग बैठसी जाडी छींया थनै बावळा कुण बतळासी

नेहचौ कर रे बूढ़ा बड़ला म्हारी जड़ां पंयाळां जासी
मोसा मत दे जूंना तरवर कूंपळ रा दिन कालै आसी

पैला धरती चीर काळजौ बीज फूटतां ईं मुळकावै
देवै तपत तावड़ौ सूरज बायरियौ झीणौ हुलरावै
पांणी हरख बादळा देवै पाळ बटाऊ आय बणावै
पांतर मत आ बीज पांगरै वेळां आयां बिरछ कहावै
बीती बात चितारौ इतरी जुग जूंना गाडा लद जासी
नेहचौ कर रे बूढ़ा बड़ला म्हारी जड़ां पंयाळां जासी
मोसा मत दे जूंना तरवर कूंपळ रा दिन कालै आसी

लीलौ चैर फूलतौ फळतौ माटी जका पोखती आई
गाढ गाळनै जड़ामूळ सूं वाइज बणसी अबै उदाई
डाळा सूख पांनड़ा झड़सी पवन जदै लुआं बण आसी
भोळा जोग बळीतै जितरौ जग री माया जग में वासी
गरब करै वौ छोटौ बाजै प्रीत करणियौ बणै अकासी
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