भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=[[रेंवतदान चारण]] |अनुवादक= |संग्रह=...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=[[रेंवतदान चारण]]
|अनुवादक=
|संग्रह=उछाळौ / रेंवतदान चारण
}}
{{KKCatKavita}}
{{KKCatRajasthaniRachna}}
<poem>
कैवण काया दोय ही जीवण नै इक जीव
बरसी असाढ न बादली प्रिया पांतरी पीव

झींणी झींणो बादळी बायरियो झींणौह
कळपावै नित काळ में होवै दिन हींणौह

बादळ कदैक बरसता असाढ महीणै आय
पण काळ रोप पग ऊभियौ बिरखा नह बरसाय

आभै में चढ बादळी ज्यूं त्यूं कियौ जुगाड़
काळ हाथ आडा किया औसरियौ न असाढ
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
8,152
edits