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[[Category:हाइकु]]
<poem>
प्रेम का कर्ज़
कभी उतरे नहीं
बढ़ता जाए
उम्र हमारी
बढ़े सौगुना फिर
तुम्हें ही लगे ।
बीते बरसों
तुम्हे मिल मन में
खिली सरसों ।
जीवन भर
निभाने का आनन्द