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कभी छिपाए छिप ना सकता,बोझिल पापाचार है
पाकिस्तान हिन्द से लड़कर,आज हुआ नापाक है
सिंह साथ लड़ना गीदड़ का . ,सचमुच बेकार है
2.
निराधार है यवन सैन्य अब, रहा न कुछ भी सार है
बच्चा- बच्चा भारत मां का, सच्चा पहरेदार है ,
4.
कहाँ शत्रु की वह हस्ती है . ,उसकी कहाँ बाहर है
कहाँ हजार बरस लड़ने की,भुट्टो की ललकार है
पाकिस्तान लिए कर झोली,दर-दर मारा फिरता है
त्राहिमाम अब त्राहिमाम अब,इसकी यही पुकार है
5.
लुटा चुका अय्यूब खान निज . ,खुशियों का त्यौहार है
गुमसुम सुस्त कराची एकदम,ठप्प सभी कारोबार है
चीन बेशर्म के झांसे में . ,पाक हुआ वीरान है
वतन -परस्ती यवन भूलते, वे तो सब गद्दार है
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