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/* बुन्देली ग़ज़लें */
* [[रिश्तों को मुट्ठियों की ज़दों में छुपा लिया / महेश कटारे सुगम]]
====बुन्देली ग़ज़लें====
* [[चीन और जापान घूम रये / महेश कटारे सुगम]]
* [[हम कां कै रये महल अटारी मिल जावै / महेश कटारे सुगम]]
* [[आधी रातै आँख मींड कें उठीं कनकनी बउआ / महेश कटारे सुगम]]
* [[दांत मनईं मन पीसें कक्कू / महेश कटारे सुगम]]
* [[बिन्ना हो गईं स्यानी मर रये ऐई फिकर के मारें / महेश कटारे सुगम]
* [[कट गए रूख उजर गईं डाँगें / महेश कटारे सुगम]]
* [[रोटी नईंयाँ पानी नईंयाँ / महेश कटारे सुगम]]
* [[कभऊँ गाँव में आकें देखौ / महेश कटारे सुगम]]