भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

दोहे-8 / दरवेश भारती

2 bytes removed, 06:33, 11 जून 2019
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavitaKKCatDoha}}
<poem>
सखे, न संदीपनि रहे, रहे न विश्वामित्र।
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader, प्रबंधक
35,131
edits