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भारत की गौरव गाथा को सारी दुनिया गाती है।यहाँ शौर्य की विजय पताका कण-कण में लहराती है।।
"वीर शिवाजी", "महाराणा" सम जहाँ यहाँ पुत्र बलवान हुए,जहाँ यहाँ देश की आजादी को हितलाखों सर सिर कुर्बान हुए, अमर शहीदों के बलिदानों की ये अनुपम थाती है।
बुंदेलों के मुँह पर "लक्ष्मीबाई" की गाथाएं हैं, "जीजाबाई", "पन्नादाई" जैसी जहां सदृश हुईं माताएं हैं, बेटी पुत्री "नीरजा" के साहस पर दुनिया शीश झुकाती है।
धर्मक्षेत्र-कुरुक्षेत्र की भूमियहीं पर, जहाँ पे गौरव हल्दीघाटी है, वीरों के शोणित से उर्वर जहाँ यहाँ देश की माटी माँटी है,मात भारती वीर-शीश पर अपना तिलक लगाती है।
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