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Kavita Kosh से
राहज़नों से भी बद-तर हैं राह-नुमा कहलाने वाले
ना-मुम्किन है जिन का मिलना और नहीं जो आने वाले
'जालिब' अपनी ही सूरत थे इश्क़ में जाँ से जाने वाले
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