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{{KKRachna
|रचनाकार=फ़ाज़िल हुस्नु दगलार्चा
|अनुवादक=[[चन्दन सिंह]]
|संग्रह=
}}
कि मैं पागलों की तरह प्यार करता हूँ अपनी ऊष्मा से ।
'''रूसी भाषा से अनुवाद : [[चन्दन सिंह]]'''
</poem>
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