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[[Category:हाइकु]]
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77
बात अधूरी
तरसूँ रात दिन
दिखे न चाँद।
85
दुग्ध धवल
छिटकी है चंद्रिका
भोली मुस्कान।
86
साथी सन्नाटा
जगा है रात -दिन
मूक पहरा।
</poem>