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Kavita Kosh से
तुम लाख रौंदना
फिर उग आएँगे।
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'''गुलाबी नभ'''
'''करतल किसी का'''
'''पढ़ा औचक'''-
'''नाम था लिखा मेरा'''
'''अग-जग उजेरा।
'''
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