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प्राचीनकाल से ही पुरुष ख़ुद को दिखाता है बुद्धिमान
होता है उसमें बेहद अत्यन्त विशाल अजगर-सा अभिमान ।
गोल घेरे बनाकर, ताक़त दिखाकर, बनता है सत्ताधीश
परिवार की ख़ुशी का जैसे सिर्फ़ उसे ही रहता है ध्यान भान
ख़ुद को मानता है वह आदर्श परिवार के लिए
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