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दुनिया के क़ैदियो ! तुम जहाँ कहीं भी होअपने सभी खेतों कीडर, अपनी चीख़ें और ऊब कोमेरे पास रवाना कर दो नन्हें होंठों से अनबन हैइतिहास की सभी राहों कीसमुद्री तट के मछुआरोंअपने सभी ख़ाली जालों और समुद्री बीमारियों कोमेरे पास रवाना कर दो नन्हें पैरों से अनबन है
वे सफ़र पर रहते हैंहम घर पर रहते हैंवे फाँसी के तख़्ते हर खेत खलिहान के मालिक हैंकिसानोंहमारे पास गर्दनें हैंअपने सभी फूलों, चिथड़ोंवे मोतियों के मालिक हैंकटी-फटी छातियों, चीरे हुए पेटोंहमारे पास मस्से और चकत्ते हैंउखाड़े गए नाख़ूनों कोउनके पास रात, सुबह और दोपहर हैहमारे पास चमड़ी और हड्डियाँ हैंमेरे पते पर यानी कि दुनिया के किसी कैफ़े में भेज दो
हम दोपहर आदमी की चिलचिलाती धूप में खेत रोपते हैंवे छाँह में खाना खाते हैं ।उनके दाँत चावल तकलीफ़ों की तरह सफ़ेद हैंजँगलियों की तरह हमारे काले हैं,मैं एक बड़ी फ़ाइल तैयार कर रहा हूँउनकी छाती रेशम की तरह मुलायम हैफाँसी भूखों के चौक की तरह हमारी खुरदरी है,होंठोंफिर और अभी भी हम दुनिया इन्तज़ार कर रही उन पुतलियों के बादशाह हैं ।एक बार दस्तख़त हो जाएँतो मैं उस फ़ाइल को ईश्वर को सौंपूँगा
उनके घर में ख़ासराज़ वाली तमाम फ़ाइलें जमा हैंहर जगह मौज़ूदहमारे घर पत्तियों से अटे पड़े हैं ।उनकी जेबों में चोरों और गद्दारों तुम अभागों के पते हैं,लिएहमारी जेबों में नदियाँ हैंमुझे,और बादलों की गड़गड़ाहट बस, सबसे बड़ा डर यह लगता है ।उनके पास खिड़कियाँ हैंहमारे पास हवा हैउनके पास पानी के जहाज़ हैंहमारे पास लहरें हैं ।उनके पास मैडल हैहमारे पास धूल है ।उनके पास दीवारें और छज्जे हैंहमारे पास गमछा और कटारें हैं ।लेकिन, मेरे महबूब ! अब हमेंसड़क की पटरी पर सो जाना चाहिएकि कहीं ईश्वर अनपढ़ न हो
'''अँग्रेज़ी से अनुवाद : विनोद दास'''
'''लीजिए, अब यही कविता अँग्रेज़ी में पढ़िए'''
Muhammad al-Maghut
Shade and Noon Sun
All the fields of the world
At odds with two small lips
All the streets of history
At odds with two bare feet.
Love,
They travel and we wait
They have gallows
We have necks
They have pearls
And we have freckles and moles
They own the night, the dawn, the afternoon sun and the day