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यादें / लावण्या शाह

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कितनी परियाँ रोज उतरतीँ,<br>
मेरे सप्नोँ मेँ आ आ कर मिलतीँ.<br>
?" क्या भूलूँ, क्या याद करूँ ? "<br>
मेरे घर को या अपने बचपन को ?<br>
कितनी दूर घर का अब रस्ता,<br>
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