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माँ सरस्‍वती / कुमार मुकुल

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|रचनाकार=कुमार मुकुल
|संग्रह=परिदृश्य के भीतर / कुमार मुकुल
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मां सरस्‍वती! वरदान दो
कि हम सदा फूलें-फलें