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/* कुछ प्रतिनिधि रचनाएँ */
* [[हालातों के हर ढाँचे में ढलना भी है ज़िन्दगी / शैलेन्द्र सिंह दूहन]]
* [[है पेट भरों का कहना क्या? / शैलेन्द्र सिंह दूहन]]
* [[मैं हिन्दू हूँ मगर हिन्दुत्व ने मुझे लीला नहीं है इन्सान / शैलेन्द्र सिंह दूहन]]