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Kavita Kosh से
जैसी नदिया की धारा<br>
जैसे तारों भरी रात,<br>
चमक रही चंदा के साथ,<br>
मेरे आंगन मे चाँदनीचांदनी,<br>
करे चमेली से ये बात,<br>
सलोने पिया, मोरे<br>
सांवरिया,<br>
भयले मगन, मै और तुम<br><br>