भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
New page: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=महेन्द्र भटनागर |संग्रह= विहान / महेन्द्र भटनागर }} <poem> :...
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=महेन्द्र भटनागर
|संग्रह= विहान / महेन्द्र भटनागर
}}
<poem>
:जीवन में
:प्रतिकूल समय के
:कुटिल प्रहारों को
:सहने दो !
:गत जीवन के
:रंग-बिरंगे, मधुमय
:सपनों के चित्रों को
:मत देखो,
:मत सोचो उन पर
:दूर कहीं
:विस्मृत-सागर के तल में
:बहने दो !
:एक समय आएगा ऐसा
:जब सुख की बरखा होगी,
:दुख की खेती मिट जाएगी !
:जो इस आशा पर हँसते हैं
:उनको हँसने दो !
1941
{{KKRachna
|रचनाकार=महेन्द्र भटनागर
|संग्रह= विहान / महेन्द्र भटनागर
}}
<poem>
:जीवन में
:प्रतिकूल समय के
:कुटिल प्रहारों को
:सहने दो !
:गत जीवन के
:रंग-बिरंगे, मधुमय
:सपनों के चित्रों को
:मत देखो,
:मत सोचो उन पर
:दूर कहीं
:विस्मृत-सागर के तल में
:बहने दो !
:एक समय आएगा ऐसा
:जब सुख की बरखा होगी,
:दुख की खेती मिट जाएगी !
:जो इस आशा पर हँसते हैं
:उनको हँसने दो !
1941
Anonymous user
