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<poem>
ऐ जल! जरा बताओं बताओ तो सही-
कब आजाद हुए तुम
ठाकुर के कुएँ से?
तुम भी सुन लो जरा
दिया कब निरापद
हमें आसरा ?
तुमने अपनाया कितना
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