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<poem>
बसंत बहार आयी, डालूं मा मौलयार आयी
घोग्या देवता कु बनयु नयु नयु थान च ।
फ्यूंली जडया बुरांश,आड़ू पहियाँ का फूलों
खोजणा कु सारयूं सारयूं ,जांणी छोरों घाण चा ।
रंगमत दाना स्याणा, थडया चोंफला लगाणा
जीवन मा नै उमंगे , याहि त पछ्याणं चा।
बसंत पंचमी अर ,अठोडा की घोग्या पूजा
हिमवंत देश मा बसंत की पछ्याणं चा।
</poem>
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