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तुम बिन यह मौसम / रवीन्द्र भ्रमर
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21:01, 28 अप्रैल 2020
यह मौसम कितना उदास लगता है —
तुम बिन !
नई हवा की छुवन
बोल पंछी के नए नए
सब कुरदते याद तुम्हारी
मन पर सब उनये;
यह मौसम कितना उदास लगता है —
तुम बिन !
</poem>
अनिल जनविजय
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