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जूते न हुई यात्राओं की कामना में चंचल हो उठते थे
हमने उन पर बरसों से पॉलिश नहीं की थी
धरती न हुई बारिशों की प्रतीक्षा में झुलसती थी
हमने उस पर सदियों से रिहाईश नहीं की थी
आग न बनी रोटियों की भावना में राख नहीं होती थी
हमने उसमें जन्मों से शव नहीं जलाये थे
और यह सब बखान है उस शहर का जिसमें एक गायिका का नाम सारी दुनिया रंगा हो सकता था।
(प्रथम प्रकाशनः इंडिया टुडे साहित्य वार्षिकी )
हमने उन पर बरसों से पॉलिश नहीं की थी
धरती न हुई बारिशों की प्रतीक्षा में झुलसती थी
हमने उस पर सदियों से रिहाईश नहीं की थी
आग न बनी रोटियों की भावना में राख नहीं होती थी
हमने उसमें जन्मों से शव नहीं जलाये थे
और यह सब बखान है उस शहर का जिसमें एक गायिका का नाम सारी दुनिया रंगा हो सकता था।
(प्रथम प्रकाशनः इंडिया टुडे साहित्य वार्षिकी )
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