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रागनी 3 / विजेन्द्र सिंह 'फौजी'
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06:41, 28 मई 2020
धरो ध्यान रै धरो ध्यान रै धरो ध्यान रै
सच्चे ईश्वर म्हं
तर्ज-पंजाबी (घर म्हं नहीं री कोए देवर तेरा आरया
)
</poem>
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