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Kavita Kosh से
MERCY KILLING पर लिखना चाहता हूं<br />
एक सुंदर सी कविता<br />
यहां बैठकर <br />
लेकिन मैं कर नहीं पा रहा<br />
उस मार्मिक सौन्दर्य की अनुभूति<br />
उनके सीने में धंसी ज़ंग लगी कील पर<br />
किसी को पहली बार देख रहे हैं<br />
इस तरह छटपटाते हुए<br />
नहीं आयेगा डॉक्टर<br />
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