गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
यक़ीन और बेयक़ीनी के दरम्यान / नोमान शौक़
81 bytes added
,
18:30, 14 सितम्बर 2008
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=नोमान शौक़
}}
आदी हो चुके हैं ये शब्द<br />
नेताओं की भाषा बोलने के<br />
तंग आ चुके हैं शब्दकोश<br />
जो कुछ मैं लिख रहा
हूं
हूँ
आज<br />न जाने क्या क्या अर्थ निकाले
जाएं
जाएँ
<br />
कल इन्ही शब्दों से<br />
अनिल जनविजय
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
54,286
edits