भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=शिव ओम अम्बर |अनुवादक= |संग्रह= }} <poem>...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=शिव ओम अम्बर
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
<poem>
हिंदुस्तानी औरत यानी
घर भर की खातिर क़ुर्बानी
गृहलक्ष्मी पद की व्याख्या है
चौका चूल्हा रोटी पानी
रुख़सत करने में रज़िया को
टूट गए चाचा रमजानी
आँचल में अंगारे भरके
पीहर लौटी गुड़िया रानी
क़त्ल हुआ कन्या भ्रूणों का
तहज़ीबें देखी बेमानी
निर्धन को बेटी मत देना
घट घट वासी अवढर दानी</poem>
{{KKRachna
|रचनाकार=शिव ओम अम्बर
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
<poem>
हिंदुस्तानी औरत यानी
घर भर की खातिर क़ुर्बानी
गृहलक्ष्मी पद की व्याख्या है
चौका चूल्हा रोटी पानी
रुख़सत करने में रज़िया को
टूट गए चाचा रमजानी
आँचल में अंगारे भरके
पीहर लौटी गुड़िया रानी
क़त्ल हुआ कन्या भ्रूणों का
तहज़ीबें देखी बेमानी
निर्धन को बेटी मत देना
घट घट वासी अवढर दानी</poem>