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Kavita Kosh से
चाहे जितनी सजाओ तस्वीरें
घर बड़ा हो कोई ज़रूरी नहीं
वस्ल बुनियाद है जुदाई की
ध्यान में ये भी फ़लस़फा फ़लसफ़ा रखना
वक़्त दस्तक नहीं दिया करता