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नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=शलभ श्रीराम सिंह }} रास्ता है इसी जंगल में है रा...
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{{KKRachna
|रचनाकार=शलभ श्रीराम सिंह
}}
रास्ता है
इसी जंगल में है रास्ता!
इसी सिरे से शुरु होता हुआ
इसी जगह ठीक
हमारे पाँवों के नीचे
इसी जंगल में है रास्ता!
वहाँ जहाँ से उड़ी है
अभी कोई चिड़िया!
वहाँ जहाँ चीखकर
उछला है एक जानवर!
वहाँ जहाँ गिरी है अररा कर
पेड़ की एक डाल!
इसी जंगल में रास्ता इसी...
टपका है कहीं कोई फल
झरा है कोई फूल कहीं पर अभी-अभी
अभी-अभी हिला है पानी कहीं
रास्ता है!रास्ता है!!रास्ता है!!!
इसी सिरे से शुरु होता हुआ...
इसी जगह ठीक...
हमारे पाँवों के नीच...
इसी जंगल में....
{{KKRachna
|रचनाकार=शलभ श्रीराम सिंह
}}
रास्ता है
इसी जंगल में है रास्ता!
इसी सिरे से शुरु होता हुआ
इसी जगह ठीक
हमारे पाँवों के नीचे
इसी जंगल में है रास्ता!
वहाँ जहाँ से उड़ी है
अभी कोई चिड़िया!
वहाँ जहाँ चीखकर
उछला है एक जानवर!
वहाँ जहाँ गिरी है अररा कर
पेड़ की एक डाल!
इसी जंगल में रास्ता इसी...
टपका है कहीं कोई फल
झरा है कोई फूल कहीं पर अभी-अभी
अभी-अभी हिला है पानी कहीं
रास्ता है!रास्ता है!!रास्ता है!!!
इसी सिरे से शुरु होता हुआ...
इसी जगह ठीक...
हमारे पाँवों के नीच...
इसी जंगल में....
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