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Kavita Kosh से
तेरी बातें सुनकर लगा ऎसा, ज्यों सुना उदास संगीत ।
अब ख़ुद को न दूंगा दूँगा धोखा, यह तय कर लिया मैंनेडूब वियोग में न करूंगा करूँगा पीछे तय कर लिया मैंनेगुज़र गया जो भूल जाऊंगाजाऊँगा, तय कर लिया है मैंनेपर तुझे न भूल पाऊंगापाऊँगा, यह तय किया समय ने
शायद प्रेम अभी मेरा चुका नहीं है, ख़त्म नहीं हुआ है