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Kavita Kosh से
एक कोरी
पुस्तिका में पृष्ठ मिट्टी के टँके
दे गया जीवन-नियंता साँस के बाजार बाज़ार में।
जिस किसी की
उम्र दुःख की बारिशों में ही ढ़ले