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Kavita Kosh से
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चार दिन महबूब से नाराज़गी के बाद
रात भर बरसी मोहब्बतमुहब्बत, तिश्नगी के बाद।
सर्द मौसम, सब्ज़ लम्हे, गुनगुना सा इश्क़