भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKAnooditRachna |रचनाकार=जेम्स फ़ेंटन |संग्रह=जेम्स फ़ेंटन चुनिंदा क...
{{KKGlobal}}
{{KKAnooditRachna
|रचनाकार=जेम्स फ़ेंटन
|संग्रह=जेम्स फ़ेंटन चुनिंदा कविताएँ / जेम्स फ़ेंटन
}}
क्या तुम नीचे आओगे
कभी आए भी हो नीचे
एक तीख़ी-सी हंसी
कहने को कुछ ज़्यादा न था
इन कई सालों में वह दुबले हो गए
कैसे तुमने उनको एक संकरे पिंजरे में
ढांप दिया ऊपर से
वह आख़िर सिकुड़ने की
कोशिश करें भी तो कैसे।
{{KKAnooditRachna
|रचनाकार=जेम्स फ़ेंटन
|संग्रह=जेम्स फ़ेंटन चुनिंदा कविताएँ / जेम्स फ़ेंटन
}}
क्या तुम नीचे आओगे
कभी आए भी हो नीचे
एक तीख़ी-सी हंसी
कहने को कुछ ज़्यादा न था
इन कई सालों में वह दुबले हो गए
कैसे तुमने उनको एक संकरे पिंजरे में
ढांप दिया ऊपर से
वह आख़िर सिकुड़ने की
कोशिश करें भी तो कैसे।