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Kavita Kosh से
मन में हों विरह मिलन के व्रण,<br>
युग स्थितियों से प्रेरित जीवन<br>
उर रहे प्रीति में चिर तन्मय!<br><br>
जो नित्य अनित्य जगत का क्रम<br>