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{{KKRachna
|रचनाकार=शार्दुला नोगजा
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}<poem>तेरी मेरी प्रीत निराली
तू चन्दा है नील गगन का
मैं पीतल की जलमय थाली!
१० दिसम्बर ०८
 
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