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इन-बड़े सरोवरों में झलके उनकी अनन्त अलस छवि
जमा हुए मृत जल पर, गिरकर तड़पें जैसे तड़पे जैसे कोई पशु
अपनी दीर्घ पीत किरणों को समेटे डूबता हुआ अंशु