भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
इन-बड़े सरोवरों में झलके उनकी अनन्त अलस छवि
जमा हुए मृत जल पर, गिरकर तड़पें जैसे तड़पे जैसे कोई पशु
अपनी दीर्घ पीत किरणों को समेटे डूबता हुआ अंशु
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
54,435
edits