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|रचनाकार=शैलेन्द्र |अनुवादक=|संग्रह=न्यौता और चुनौती / शैलेन्द्र
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कि इसकी धार है खुट्टल ट्रूमन चाचा,
और कोई तलवार निकालो !
चीन में क्या, दुनिया में उगा है लाल सितारा,
लिए डालर की गड्डी, च्याँग परलोक सिधारा,
कि चिट्ठी लिखो, सोच कर लिख दो चाचा,
जंग की बात न छेड़ो, लोग बेहद बिगड़ेंगे,
समय के सौ-सौ तूफ़ाँ, न जाने क्या कर देंगे !
सोवियत मज़दूरों का, लोग उनसे न लड़ेंगे,
ये बिजनेस खोटा, इसमें टोटा लाला,
और कोई व्यापार निकालो,
दूजा कारोबार निकालो !