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जो फूलको सुगन्धझैँ
आफ्नो कुरामा आफैँ निमग्न छन् ।
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'''[[ईन्तेसाब - आज के नाम / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़|इस कविता का मूल उर्दू/हिंदी पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें]]'''
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