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जब से इस दुःखिया बस्ती की पीड़ा मैंने गले लगाई-
ऋषियों की यह पावन वाणी, अपनी भाषा में दुहराई-
तब से यह नवीन युग मुझको, बीता पखवारा कहता है।।
-11 ११ जून, 1964१९६४
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