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के भोलि एउटा अर्कै दिन हुनेछ ?
'''[[अन्तिम सुबह / बालकृष्ण काबरा ’एतेश’ / ओक्ताविओ पाज़|इस कविता का हिन्दी अनुवाद पढ्ने के लिए यहाँ क्लिक करेँ]]'''
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