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शंकरलाल द्विवेदी / परिचय

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{{KKRachnakaarParichay
|रचनाकार=शंकरलाल द्विवेदी
}} स्वनामधन्य कवि तथा काव्य-शिल्पी, वरद सरस्वती पुत्र श्री शंकरलाल द्विवेदी बाल्यावस्था से ही फक्कड़ व स्वाभिमानी प्रवृत्ति के धनी थे। वे केवल कविर्मनीषी, साहित्य-सेवी ही नहीं थे अपितु एक सुविख्यात शिक्षाविद भी थे। उन्हें ओज तथा वीर रस के साथ-साथ श्रृंगार-रस में भी दक्षता प्राप्त थी। 'आग' और 'राग' दोनों स्वरों के सशक्त हस्ताक्षर व अद्भुत काव्य-सर्जक रहे श्री द्विवेदी, श्रृंगार-काव्य में भी संयोग-वियोग दोनों ही पक्षों पर समानाधिकार रखते थे। गीत-माधुर्य और ओजमयी वाणी के साथ-साथ अपने स्वच्छंद व्यव्हार के कारण वे समकालीन कवियों में ख़ासा लोकप्रिय रहे। विलक्षण काव्य प्रतिभा के धनी श्री द्विवेदी को अखिल भारतीय कवि-सम्मलेनों में विशिष्ट सम्मान प्राप्त था।
श्री द्विवेदी का जन्म दिनांक २१ जुलाई, १९४१ को उनकी ननिहाल ग्राम-बारौली, तहसील-गभाना, जनपद अलीगढ़ (उ.प्र.) में हुआ था। किन्तु उनका मूल पैतृक गाँव अलीगढ़ (उ.प्र.) की ही तहसील-खैर का ग्राम-जान्हेरा रहा है। पिता श्री चम्पाराम शर्मा तथा माता भौती देवी के यहाँ देहावतरित हुए श्री द्विवेदी का जीवन अत्यंत अभावग्रस्त रहा। किन्तु कर्तव्य निष्ठित व कर्मठ श्रमसेवी श्री द्विवेदी ने अपने कठोर तप तथा लगन से सन १९५८ में मदनमोहन मालवीय इंटर कॉलेज, अन्डला, अलीगढ़ से इंटरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण कर श्री वार्ष्णेय महाविद्यालय, अलीगढ़ से सन १९६० में स्नातक की उपाधि अर्जित की। तदोपरांत उन्होंने आगरा कॉलेज, आगरा से सन १९६२ में हिंदी स्नातकोत्तर की उपाधि अर्जित की।
११ दिसंबर, १९६८ को आप परिणय-सूत्र में बंध गए। श्री हरिश्चंद्र पाण्डेय की विदुषी पुत्री एवं सुविख्यात बाल कवि वेंकटेशचन्द्र पांडेय की भतीजी सौ०का० कृष्णा पांडेय, निवासी- बरेली (उ.प्र.) के साथ आपका विवाह संपन्न हुआ। श्रीमती कृष्णा द्विवेदी भी अध्ययन-अध्यापन के क्षेत्र में एक समर्पित शिक्षासेवी के रूप में प्रतिष्ठित रही हैं। आप निरंतर ३८ वर्षों तक प्राचार्या कन्या इंटर कॉलेज, सासनी के पद पर सुशोभित रहीं। इतने अपने वृहद् सेवाकाल में श्रीमती द्विवेदी शिक्षा-क्षेत्र जगत के लिए समर्पित रहीं तथा अपनी प्रति उनके समर्पण, कर्तव्यनिष्ठ एवं सत्यनिष्ठ विशिष्ट सेवाओं के लिए उत्तर प्रदेश शासन तथा -प्रशासन द्वारा वे अनेक बार पुरस्कृत भी हुईं। २७ सितम्बर, २०१७ को आपका वैकुण्ठ-वास हुआ।
श्री द्विवेदी को ईश-कृपा से दो पुत्र-रत्नों की प्राप्त हुई। सम्प्रति ज्येष्ठ पुत्र श्री आशीष द्विवेदी पी.बी.ए.एस. इंटर कॉलेज, हाथरस में गणित शिक्षक के पद पर आसीन हैं तथा कनिष्ठ पुत्र श्री राहुल द्विवेदी, दिल्ली पब्लिक स्कूल, विन्ध्यनगर, जनपद सिंगरौली (म.प्र.) में हिंदी शिक्षक के पद पर आसीन हैं।
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