भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
मकान की ऊपरी मंज़िल पर कोई नहीं रहता...
 
......................................................................
'''[[घरको माथिल्लो तलामा / गुलजार / सुमन पोखरेल|यहाँ क्लिक गरेर यस कविताको नेपाली अनुवाद पढ्न सकिन्छ ।]]'''
 
</poem>
Mover, Reupload, Uploader
10,372
edits