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हवा की धुन / सुरंगमा यादव

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[[Category:हाइकु]]
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12काँटे भी अबदेते नहीं चुभनअभ्यस्त हम।13कहाँ हो कंतकोयल पुकारतीआया वसंत ।14प्रेम की कमीमन की धरा परदरारें पड़ी ।15पीड़ा के गीतबन गये अब तोसाँसों के मीत।16बात अधूरीशब्द ढूँढ़ते बीतीबेला ही पूरी।17घिरी घटाएँनयन गगन मेंबरसीं यादें ।18देह के साथअपना लेते आपमन भी मेरा। 19होकर चूरसपनों का दर्पणदेता चुभन।20डूबता मनप्रीत की पतवारकरेगी पार।21बुझा है मनउजाले देने लगेअब चुभन।22'''हवा की धुन'''
थिरकती डालियाँ
पाँव के बिन
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