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याद मुझे है आज भी वो सुदूर जंगली इलाका
नदी में जहाँ तैरा करते थे छपतैरा करता था छप-छप मार छपाका
जाड़ों में वहाँ जब आता था तेज़ बर्फ़ीला तूफ़ान
सू-सू-सू सीटी बजाता ताक़त का करता बखान