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सच कहा तुमने / शांति सुमन

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<poem>
यह सदी रोने न देगी
सच कहा तुमने।तुमने ।
हंसी होगी शाप
पथरा जाएंगी आंखेंजाएँगी आँखें
ओठ होंगे काठ
कटने लगेंगी शाखें
सच कभी होने न देगी
धूप के सपने।सपने ।
बांह बाँह में आकाश होगा
कटे होंगे पंख
मछिलयां मछलियाँ जलहीन
तट पर बिछे होंगे शंख
पास में बहने न देगी
नदी या झरने।झरने ।
थके होंगे शब्द
ढोते अर्थ् अर्थ दुहरे
प्यास को दीखा करेंगे
जल सुनहरे
प्रिय कभी होने न देगी
खुशी ख़ुशी के गहने।गहने ।</poem>
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