भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

तुम / सरोज मिश्र

2 bytes removed, 08:19, 27 फ़रवरी 2021
छू भर लो तुम जिसको उसकी हो जाये रंगीन हथेली!
तुम हो कौन सजनि अलबेली!!तुम हो कौन सजनि अलबेली!!
तितली के पंखों पर चुनकर,तुमने ही सब रंग लिखे,
Delete, Mover, Reupload, Uploader
16,645
edits