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Kavita Kosh से
इतने आरोप न थोपो
वैरागी हो जाए
इतने आरोप न थोपो.......
मन बागी हो जाए
इतने आरोप न थोपो.......... !!
मन बागी हो जाए
इतने आरोप न थोपो......... !!
मन बागी हो जाए
इतने आरोप न थोपो ......... !!
मन बागी हो जाए
इतने आरोप न थोपो....... !!*** -डॉ॰ जगदीश व्योम