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Kavita Kosh से
नंगू टेकी खड़ी च
डाळा थैं बाँधी
2
खेलती फाग
पलाश की टुकली
भुक्की प्यो आग
3
गाल दहके
नौंन्याळी कनेरा का
खुट्टा बैक्यन
4
घर में घुसे
खिड़की से कूदके
शैतान मेघ।
घौर ऐ गेन
खिड़की बै कुतगी
दुष्ट बादळ
5
जागी जो कली
राम-राम ओ! गैल्या
घाम माँ बोली
6
पीली चाँदनी
उदास च द्यौदासी
मंदिरा द्वार
7
डालता चौक
आँस्वी भिजीं पंगती
माघ डाकिया।
8
दबे पाँव आ
अंग्वाळ ले भेंटेन्दू
चुप्प अँधेरू
9
धूप-दारोगा
गश्त पर निकळी
गुस्सा ह्वे की
10
पौष-प्रभात
कुरेड़ू थाणादार
सुर्ज फरार
11
बाँसों के वन
हौंसिया वीं हवा न
बजाई सीटी
12
करवटें ले