भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
|copyright=
}}
====ग़ज़लें====
* [[साँचे में न ढलने का हुनर सीख रहा हूँ / विजय कुमार स्वर्णकार]]
* [[कट चुका जंगल मगर ज़िद पर अड़ी है / विजय कुमार स्वर्णकार]]
* [[न कोई तीर है पंछी, न कोई जाल रक्खा है / विजय कुमार स्वर्णकार]]
* [[कोहरा है कि धुँधला-सा सपन ओढ़ रखा है / विजय कुमार स्वर्णकार]]
* [[अजब हलचल कहाँ ऐसी थी पहले / विजय कुमार स्वर्णकार]]