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|रचनाकार=बैर्तोल्त ब्रेष्त
|अनुवादक= उज्ज्वल भट्टाचार्य
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<Poem>
यहाँ सोया है
मुफ़लिसों की बस्ती का पैग़ाम लाने वाला
जनता पर ज़ुल्म का बयान करने वाला
उसके लिये लड़ने वाला

जिसने सड़कों के विश्वविद्यालयों में शिक्षा पाई
नीच कुल में जिसका जन्म हुआ
जो ऊपर-नीचे की व्यवस्था को
उखाड़ने में मदद करता रहा

जनता का शिक्षक
जो जनता से सीखता रहा ।

'''मूल जर्मन भाषा से अनुवाद : उज्ज्वल भट्टाचार्य'''
</poem>
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