Changes

पहला दिन / रेखा राजवंशी

727 bytes added, 14:33, 28 जनवरी 2022
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रेखा राजवंशी |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KK...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=रेखा राजवंशी
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
कंगारूओं के देश में
मेरा पहला दिन
और तुम्हारे यहाँ की
ढलती रात
चलो ख़त्म हुआ
एक अध्याय
शुरू हुई नई बात

फिर भी
जाने वो क्या है
जो जैटलेग बन कर
मुझे जगाता रहा है
और ज़हन में
इसका, उसका
और शायद तुम्हारा
ख़याल लाता रहा है।
</poem>